जन लोकपाल बिल क्या है ?
जस्टिस हेगड़े प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगों के द्वारा बेब साइट पर दी गई प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है | इस बिल को शांति भूषण , जे . एम . लिंगदोह , किरण बेदी , अन्ना हजारे आदि का भरी समर्थन प्राप्त है | इस बिल की प्रति प्रधान - मंत्री एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को १ दिसम्बर को भेजा गया था |
1 ---इस कानून के अंतर्गत , केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन होगा |
2 ----ये संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सर्कार से स्वतंत्र होगी | कोई भी नेता या सरकारी अधिकारी या जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा |
3 -----भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कई सालों तक मुकदमें लंबित नहीं रहेंगे | किसी भी मुकदमें की जांच या साल के भीतर पूरी होगी | ट्रायल एक साल में पूरा होगा और भ्रष्ट नेता , अधिकारी या जज को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा |
4-----अपराध सिद्ध होने पर भ्रष्टाचारियों के द्वारा सरकार को हुए घाटे को वसूल किया जाएगा |
5 ----- ये आम नागरिक की कैसी मदद करेगा ::: यदि किसी नागरिक का काम तय समय सीमा में नहीं होता , तो लोकपाल दोषी अफसर पर जुर्मना लगाएगा और वह जुर्मा शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर में मिलेगा |
6 -----अगर आपका राशन कार्ड , मतदान पहचानपत्र , पासपोर्ट आदि तय सीमा के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकतें हैं और उसे ये काम एक महीने के भीतर करना होगा | आप किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते हैं जैसे सरकारी राशन की कालाबाजारी , सड़क बनाने में गुणवता की अनदेखी , पंचायत निधि का दुरूपयोग | लोकपाल को उसकी जांच एक साल के भीतर पूरी करनी होगी |
7--- क्या सरकार भ्रष्ट और कमजोर लोगों को लोकपाल का सदस्य नहीं बनाना चाहेगी ? ये मुमकिन नहीं क्युकी लोकपाल के सदस्यों का चयन जजों नागरिकों और संवेधानिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा न की नेताओं द्वारा | इनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से और जनता की भागीदारी से होगी |
8 ------अगर लोकपाल में काम करने वाले भ्रष्ट पाए गये तो ? लोकपाल \ लोकायुक्तों का कामकाज पूरी तरह पारदर्शी होगा | लोकपाल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आने पर उसकी जाँच अधिकतम दो महीने में पूरी कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा |
9--- मौजूदा भ्रष्टाचार निरोधक संस्थओं का क्या होगा ? सीवीसी , विजिलेंस विभाग , सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ( Anti Corruption Deptt ) का लोकपाल को किसी जज , नेता या अफसर के खिलाफ जाँच करने व् मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति और व्यवस्था भी होगी |
जस्टिस हेगड़े प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगों के द्वारा बेब साइट पर दी गई प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है | इस बिल को शांति भूषण , जे . एम . लिंगदोह , किरण बेदी , अन्ना हजारे आदि का भरी समर्थन प्राप्त है | इस बिल की प्रति प्रधान - मंत्री एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को १ दिसम्बर को भेजा गया था |
1 ---इस कानून के अंतर्गत , केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन होगा |
2 ----ये संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सर्कार से स्वतंत्र होगी | कोई भी नेता या सरकारी अधिकारी या जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा |
3 -----भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कई सालों तक मुकदमें लंबित नहीं रहेंगे | किसी भी मुकदमें की जांच या साल के भीतर पूरी होगी | ट्रायल एक साल में पूरा होगा और भ्रष्ट नेता , अधिकारी या जज को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा |
4-----अपराध सिद्ध होने पर भ्रष्टाचारियों के द्वारा सरकार को हुए घाटे को वसूल किया जाएगा |
5 ----- ये आम नागरिक की कैसी मदद करेगा ::: यदि किसी नागरिक का काम तय समय सीमा में नहीं होता , तो लोकपाल दोषी अफसर पर जुर्मना लगाएगा और वह जुर्मा शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर में मिलेगा |
6 -----अगर आपका राशन कार्ड , मतदान पहचानपत्र , पासपोर्ट आदि तय सीमा के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकतें हैं और उसे ये काम एक महीने के भीतर करना होगा | आप किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते हैं जैसे सरकारी राशन की कालाबाजारी , सड़क बनाने में गुणवता की अनदेखी , पंचायत निधि का दुरूपयोग | लोकपाल को उसकी जांच एक साल के भीतर पूरी करनी होगी |
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8 ------अगर लोकपाल में काम करने वाले भ्रष्ट पाए गये तो ? लोकपाल \ लोकायुक्तों का कामकाज पूरी तरह पारदर्शी होगा | लोकपाल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आने पर उसकी जाँच अधिकतम दो महीने में पूरी कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा |
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